MAA Movie Review: तो भाई लोग शैतान के बाद अजय देवगन लेकर आए हैं एक और हॉरर ड्रामा मूवी MAA Movie स्टारिंग काजोल यानी कि उनकी ही वाइफ इन अ लीड रोल और क्या यह मूवी शैतान यूनिवर्स को एस्टैब्लिश करती है आओ जरा इस पर बात कर लेते हैं वेल हेलो मेरा नाम है सुनील कुमार और हमारी मुलाकात बार-बार होगी

देखो भाई लोग यह जो मां वर्ड है ना वो अपने आप में एक इमोशन है जहां मां का प्यार हो या गलती करने पर पड़ी हुई मां की चप्पल हो साला बहुत जोर से लगती है बट मां के बच्चे पर कोई आंच आए तो भाई साहब वही चप्पल तलवार का काम कर जाती है दुश्मन का गला धड़ से अलग करने के लिए तो यहां है स्टोरी बंगाल के एक टाउन की चंद्रपुर जहां मान्यता है कि एक शैतान है दैत्य जो बच्चों को अबडक्ट करता है उठा ले जाता है
स्पेशली छोटी लड़कियों को एंड इसी में फंस जाती है काजोल की बेटी भी अब वो दैत्य ऐसा क्यों करता है एंड लड़कियां ही क्यों उठा ले जाता है वो तो मूवी में देखना पड़ेगा आपको बट जो फियर सी एक्टिंग की है ना काजोल ने सेकंड हाफ में स्पेशली क्लाइमेक्स में मानना पड़ेगा कि आज भी वो अपने एक्टिंग में उतना ही दम रखती है
जितना पहले रखती थी मां एक माइथोलॉजिकल फिक्शन हॉरर फिल्म है जिसमें दैत्य देव दानव वगैरह का रिसेंबलेंस है जिसको पर्दे पर उतारने के लिए मेकर्स ने जितना वीएफएक्स एंड सीजीआई का यूज किया है वो अच्छा है बहुत सारी जगह आराम से काम कर भी जाता है
फर्स्ट हाफ में गाड़ी में एक इंसान के जलने वाला सीन देखा होगा आपने ट्रेलर में भाई वो बहुत स्केरी था बट कुछ एक जगह वीएफएक्स थोड़ा सा और अच्छा हो सकता था क्योंकि वो नोटिस होता है एंड तगड़ा वीएफएक्स वही होता है जो नोटिसेबल ना हो बट एनीवेज अच्छी बात यह है कि मूवी टाइम पास बिल्कुल भी नहीं करती फिल्म सिर्फ अराउंड सवा दो घंटे की ही है
जिसमें फर्स्ट हाफ में स्टोरी बिल्ड अप से लेकर सेकंड हाफ में इसके क्लाइमेक्स तक आप अपनी सीट पर बने रहते हो इट्स टोटली एंगेजिंग मूवी फर्स्ट हाफ में मुझे पर्सनली ज्यादा एंगेजिंग लगी सेकंड हाफ में थोड़ा प्रेडिक्टेबल हो जाती है
मूवी लेकिन कुछ एक ट्विस्ट वर्क भी कर जाते हैं बहुत सी जगह आपको जंप स्केयर भी फील होंगे स्पेशली इन फर्स्ट हाफ विद इमोशनल मां-ब वाला ड्रामा एंड सुपर नेचुरल एलिमेंट्स एंड उस सुपर नेचुरल एलिमेंट्स को और रियलिस्टिक बनाता है इसका बीजीएम एंड एस्थेटिकली क्रिएट किए गए एनवायरमेंटल विजुअल्स एंड प्रैक्टिकल बैकग्राउंड्स फिल्म में गाने डालकर आपका टाइम वेस्ट नहीं करती मूवी थैंक गॉड लेकिन सेकंड हाफ में एक सॉन्ग है
जैसे वो पुष्पा 2 में काली महाकाली सॉन्ग था ना वैसा ही इसमें भी एक सॉन्ग है काली शक्ति सॉन्ग एंड वह जिस सिचुएशन के लिए बनाया गया है वह उस सीन को और ज्यादा इंपैक्टफुल बना देता है एंड लास्ट में जो क्लाइमेक्स सेट किया गया है गुड वर्सेस इविल वाला लास्ट में वो जो फेस ऑफ दिखाया गया है थ्रिल एंड टेंशन एंड गूसबम सब प्रोवाइड करेगा
ऊपर से काजोल की एक्टिंग बहुत बढ़िया बस उसका वीएफएक्स इग्नोर कर दोगे तो जैसे कि मैंने कहा कि यह एक माइथोलॉजिकल या कहें पौराणिक एलिमेंट को भी दर्शाती है तो अगर कभी आपने मां काली एंड रक्तबीज की स्टोरी सुनी होगी तो उसको मॉडर्नाइज करके शोकेस किया गया है
हॉरर एलिमेंट्स को जोड़कर अच्छा क्योंकि कहानी बंगाल की है तो बहुत से बंगाली वर्ड्स एंड इवन सेंटेंसेस हैं जिसके लिए आई थिंक कि सबटाइटल्स डालने चाहिए थे अरे मैं तो कहता हूं मूवी किसी भी लैंग्वेज में हो सबटाइटल्स आर मस्ट वैसे एक्टिंग के मामले में जहां काजोल ने अपना दम दिखाया है
वहीं रोनीत रॉय भी एक बढ़िया किरदार में है वि कैरेक्टर ट्विस्ट सो ओवरऑल देखते हुए आई कैन से इट्स एन एंगेजिंग मूवी वोरिटी नहीं है ना ही कोई गालियां वैसे हां वेट फॉर द मिड क्रेडिट सीन देयर इज वन सरप्राइज़ अब अजय देवगन हॉरर यूनिवर्स बनाना ही चाहते हैं तो ना ज्यादा नहीं बोलूंगा मैं आप जाओ देखो एंजॉय करो मेरी तरफ से इस मूवी को आराम से 3.5 आउट ऑफ फाइव स्टार्स मिलते हैं अगले वीडियो में बाई