AI Slop: यूट्यूब, इंस्टाग्राम और टिक‑टॉक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर AI स्लॉप एक उभरती हुई समस्या बन चुकी है। यह डिजिटल कचरा न केवल आपके मानसिक स्वास्थ्य पर असर डाल सकता है, बल्कि अगर इसके खतरों को नजरअंदाज किया गया, तो यह पूरे डिजिटल इकोसिस्टम को भी नुकसान पहुंचा सकता है। आइए जानें, AI स्लॉप क्या है, इसकी पहचान कैसे करें और इससे बचने के तरीके क्या हैं।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से कम गुणवत्ता वाले, फटाफट बनने वाले AI जनित वीडियो और इमेज की बाढ़ आ गई है। सोशल मीडिया पर धड़ल्ले से दिख रहे ये वीडियो बड़ा खतरा बनते जा रहे हैं। इनमें कई बार भ्रामक सूचनाएं होती हैं, जिसे बिना जांचे-परखे बहुत से उपयोगकर्ता यकीन भी कर लेते हैं। इतने ज्यादा मात्रा में मिल रहे डिजिटल कंटेंट की वजह से बहुत सारा बेकार कंटेंट भी इंटरनेट पर तैर रहा है।
What is AI Slop?
AI स्लॉप को आसान भाषा में बड़े पैमाने पर प्रकाशित होने वाला खराब गुणवत्ता वाला AI कंटेंट कह सकते हैं। आम तौर पर ये कंटेंट ट्रैफिक और मॉनिटाइजेशन के उद्देश्य से बनाया जाता है। इन्हें तैयार करने में न तो गहन शोध होता है और न ही तथ्यों को क्रॉस चेक किया जाता है। AI टूल्स जैसे OpenAI की Sora, Google Veo3 और YouTube Shorts में इन-बिल्ट फ़ीचर इसे आसान बनाते हैं। कुछ सेकंड में वीडियो तैयार करके वायरल बनाया जा सकता है।

How is AI Slop affecting social media users?
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की सोशल मीडिया बिहेवियर पर हुई रिसर्च में पता चला है कि यूजर्स का ध्यान 47 सेकंड से भी कम हो गया है। AI स्लॉप कंटेंट की वजह से इस समय अवधि को बढ़ाना और चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है ।
What are the reasons for the continuous increase in AI Slop?
छोटे क्लिप्स लाखों व्यूज़ आसानी से पा लेते हैं और कंटेंट क्रिएटर्स इससे भारी कमाई कर रहे हैं। इसके लिए ज्यादा मेहनत भी नहीं करनी पड़ती है।
What is its negative impact?
एआई स्लॉप की वजह से गहन शोध कर वीडियो बनाने वाले क्रिएटर्स, कलाकार पीछे छूट रहे हैं। झूठी खबरें, डीपफेक और संदिग्ध इमेज आसानी से फैल रही हैं। यूजर्स पर ये कंटेंट नशे की तरह असर करता है, तो वहीं उनका ध्यान घटता जा रहा है। कुछ लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर पड़ रहा है।
YouTube is strict in view of the dangers of AI Slop
15 जुलाई 2025 से YPP (यूट्यूब पार्टनर पॉलिसी) लागू होगी। इसमें एक साथ कई वीडियो डालने, सिर्फ एआई वीडियो डालने या कंटेंट रिपीट करने पर मॉनिटाइजेशन नहीं होगा। आम यूजर्स के लिए भी जरूरी है कि वह किसी भी वीडियो या कंटेंट को देखते हुए उसकी सत्यता की पड़ताल करें। किसी भी भ्रामक या आपत्तिजनक कंटेंट की रिपोर्ट जरूर करें।